Tuesday 20 November 2018

जमीन खरीदने व घर बनवाने से पहले जरूर रखें इन बातों का ख्याल


अक्सर जब आप नया घर ले लेते है, उसके बाद वहां हवन या पूजा करवाते है. लेकिन क्या आपको पता है भूमि खरीदते समय आस- पास के छोटे- छोटे कण जीवन में अशांति लाते हैं, जिसके करण अक्सर आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है. जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे है वास्तु शास्त्र के अनुसार कोई भी भूमि को खरीदने या बनवाने से पहले कुछ मुख्य बातें, जिनको ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
लेकिन उससे पहले हम आपको बताते है जमीन खरीदते या बनवाते समय दो मुख्य बातों का ध्यान रखना जरूरी है, प्लॉट का सही आकार और सही दिशा. आपको बता दें कि प्लॉट की मिट्टी, दिशा, स्थिति व आकार प्लॉट में सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा तय करती है. इसके अलावा रेत व उसके आस- पास के छोटे- छोटे कण जातक के जीवन में शांति या अशांति लाते हैं. ऐसे में भूलकर भी कभी ना करें ये काम.
श्मशान या कूड़ा-करकट रखने वाली जगह पर न बनाएंं मकान
प्लॉट लेते समय यह अवश्य जान लेना चाहिए कि कहीं उस खाली जमीन पर पहले कुछ गलत तो नहीं हुआ. जैसे कि पहले उस जगह पर क्या था? ऐसे में श्मशान या कूड़ा-करकट रखने वाली जगह पर कभी मकान नहीं बनाना चाहिए.
कांटेदार पेड़ वाली जमीन पर न बनवाएं घर
प्लॉट खरीदते समय मिट्टी की किस्म, जमीन का ढलान, आसपास के क्षेत्र आदि का भी ध्यान देना चाहिए. यदि किसी प्लॉट पर कांटेदार पेड़ हो तो उस जमीन पर घर नहीं बनाना चाहिए.
गली के कोने या नुक्कड़ पर न लें घर
हमेशा घर लेते या बनवाते समय इस बात का ध्यान रखिये कि वह गली के कोने या नुक्कड़ पर न हो, क्योंकि अक्सर ऐसी जगह चहल- पहल होती रहती है, जिसके वजह से घर की शांति भंग हो सकती है. लेकिन, ऐसे प्लॉट दुकान या घरेलू व्यवसाय के लिए बहुत ही शुभ माने गए हैं.
घर के आस-पास न हो पूजा स्थल 
प्रचलित मान्यता के अनुसार किसी भी मकान/भवन के पास अगर मंदिर, मस्जिद या अन्य पूजा स्थल हो तो वह बहुत ही शुभ होता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह गलत हैं. वस्तु के मुताबिक, अगर घर के आस-पास मंदिर, मस्जिद या अन्य पूजा स्थल है तो घर में कभी शांति और सुख नहीं रहता.
दक्षिण भाग में न हो ये चीजें
प्लॉट के दक्षिण भाग में किसी तरह का जलस्रोत जैसे नदी, नाला या हैंडपंप आदि नहीं होने चाहिए।
घर बनवाने से पहले ज्योतिष या पंडित की लें सलाह
जैसा कि हम सब जानते ही है कि ज्योतिष और पंडित को हमसे बेहतर दिशाओं का पता होता कि किस दिशा में क्या होना चाहिए. इसलिए घर बनवाते समय किसी अच्छे ज्योतिष या पंडित से सलाह लेने के बाद ही वहां घर बनाना चाहिए.
बिजनेस मैन लें इस दिशा में प्लॉट
किसी भी बिजनेस मैन/व्यापारी को दक्षिण मुखी प्लॉट लेना चाहिए, यह जातक के बिजनेस को सफल बनाता है.
आप रॉयल ड्रीम होम्स से अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार प्लॉट खरीद सकते हैं और वो भी आकर्षक छूट के साथ. आज ही कॉल करें हमारे हेल्पलाइन नंबर पर.
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Sunday 21 October 2018

जानिए क्यों आपके लिए रॉयल ड्रीम होम्स से प्लॉट खरीदना है फायदे का सौदा


अक्सर जब हम प्लॉट या मकान खरीदने जाते हैं, तो हमारे सामने कई तरह की मुश्किलें आती हैं. कभी रेट को लेकर, कभी डॉक्यूमेंट को लेकर, कभी हिडेन चार्जेस को लेकर तो कभी प्लॉट के मालिकाना हक को लेकर. कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि वो पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें मनचाहा प्लॉट नहीं मिल पाता. ऐसे में रॉयल ड्रीम होम्स से प्लॉट खरीदना आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है, क्योंकि यहां आप अपना मनचाहा प्लॉट पूरे भरोसे के साथ और सही रेट पर बिना किसी हिडेन चार्जेस के प्राप्त कर सकते हैं.

1. आईएसओ सर्टिफाइड कंपनी
रॉयल ड्रीम होम्स प्राइवेट लिमिटेड आईएसओ 9001-2008 सर्टिफाइड कंपनी है. आईएसओ में कम्पनियों की गुणवत्ता की जांच करके यह पत्ता लगाया जाता है कि कम्पनी द्वारा ग्राहकों को बेचा गया प्रोडक्ट सही है या नहीं. जब यह प्रमाणित हो जाता है की कम्पनी का प्रोडक्ट सही है, तो आईएसओ द्वारा यह सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है. असल में आईएसओ सर्टिफिकेट एक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली मानकों का हिस्सा है, जो यह श्योर करता है कि किसी कंपनी का प्रोडक्ट ग्राहक के हितो को नुकशान नहीं पहुंचेगा. इसलिए आप आंखें बंद कर रॉयल ड्रीम होम्स पर भरोसा कर सकते हैं.

2. आसान किश्तों पर उपलब्ध प्लॉट
अक्सर प्लॉट खरीदने के लिए आपको एकमुश्त पैसा देना होता है या फिर प्लॉट के लिए लोन लेना होता है, जिस पर आपको ब्याज भी चुकाना पड़ता है. वित्तीय संस्थाओं की अपनी नियम व शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना कई बार बोझिल हो जाता है. लेकिन रॉयल ड्रीम होम्स में आप न केवल अपनी जरूरत के अनुसार प्लॉट ले सकते हैं, बल्कि किश्तों पर भी आपको प्लॉट उपलब्ध कराया जाता है. कंपनी ग्राहकों को कई तरह की सुविधाएं देती हैं, ताकि वो अपनी आमदनी और जरूरत के अनुसार बिना किसी परेशानी के प्लॉट खरीद सकें. आप तीन साल से पांच साल तक की किश्तों पर प्लॉट ले सकते हैं. कंपनी द्वारा डाउनपेमेंट और किश्तों को लेकर कई तरह की स्कीम है, जिसके बारे में आप पता कर सकते हैं.

3. कोई हिडेन चार्जेस नहीं
पारदर्शिता रॉयल ड्रीम होम्स की पहचान है, क्योंकि कंपनी केवल प्लॉट बेच कर अपना काम नहीं करना चाहती. उसका उद्देश्य और उसका सपना है कि हर किसी के पास अपना घर हो. इसलिए जब आप रॉयल ड्रीम होम्स से प्लॉट खरीदते हैं, तो आपको पहले ही डाउनपेमेंट और किश्तों के बारे में सब कुछ साफ-साफ बता दिया जाता है. यहां न तो कोई फाइल चार्ज लिया जाता है और न ही कोई अतिरिक्त ब्याज. कहने का मतलब यह कि कोई छिपी शर्त नहीं है.

4. प्री-बुकिंग ऑफर का लाभ, 100 गज के प्लॉट में एक लाख की छूट
हालांकि प्री-बुकिंग ऑफर पूरे साल नहीं चलता, लेकिन त्योहार के इस मौसम में दीवापली तक ग्राहकों को प्री-बुकिंग ऑफर भी दिया जा रहा है, जिसका वो फायदा उठा सकते हैं. मात्र 25000 की छोटी राशि का डाउनपेमेंट कर प्लॉट बुक कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ नियम व शर्तों के साथ आपके पास मुफ्त में प्लॉट पाने का अवसर भी है. कल्याणपुर से टिकरा रोड पर (मलिकपुर) प्लॉट की प्री-बुकिंग पर 100 गज के जिस प्लॉट की कीमत 6.40 लाख रुपए है, उसमें एक लाख की छूट उपलब्ध है, जबकि 50 गज का जो प्लॉट यहां 3.28 लाख का है, उसमें 58 हजार की छूट दी जा रही है और यह यह 2.70 लाख में उपलब्ध है.

5. बेहतर और विवादरहित साइट
प्लॉट खरीदने के दौरान सबसे महत्वपूर्ण है इसका बेहतर जगह पर होना और विवादरहित होना, ताकि पैसा लगाने वाले ग्राहकों को भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें अपने निवेश का बेहतरीन रिटर्न मिले. रॉयल ड्रीम होम्स से आप बेहतर और विवादरहित प्लॉट खरीद सकते हैं. कल्याणपुर से टिकरा रोड (मलिकपुर) पर जो प्लॉट छूट के साथ उपलब्ध है, वह आवासीय कन्वर्जन के साथ 30-40 फीट की चौड़ी रोड पर स्थित है. साइट से दो किलोमीटर की दूरी पर डिग्री कॉलेज व अन्य प्राइवेट स्कूल उपलब्ध है. यहां पानी, लाइट, सिक्योरिटी और कन्वेंस की सुविधा भी उपलब्ध है. कल्याणपुर चौराहे से यह साइट सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर है. यानी हर लिहाज से आपके लिए फायदे का सौदा.

प्लॉट से संबंधित डिटेल जानने के लिए आप रॉयल ड्रीम होम्स के हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल कर सकते हैं. यहां के फ्रेंडली स्टाफ प्लॉट खरीदने से संबंधित आपको हर सहायता उपलब्ध कराएंगे.
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Wednesday 17 October 2018

वास्तु: घर बनवाने से पहले प्लॉट से संबंधित ये बातेें जरूर जानेें


वास्तुशास्त्र में घर-मकान को लेकर कई बातें बताई गई हैंजिन्हें अपनाने से व्यक्ति का जीवन सुखमय व शांतिमय हो जाता है. इसके अनुसार भूखंड या भवन लेने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. तो यदि आप भी मकान निर्माण के लिए शुभ जमीन यानी प्लॉट देख रहे हैंतो आपको भारतीय वास्तुशास्त्र की ये बातें जरुर ध्यान में रखनी चाहिए. मकान निर्माण के लिए वास्तु अनुसार शुभ भूमि का चयन करते समय इन बातों का मुख्तः ध्यान रखना चाहिए.
- जिस भूमि की दोनों भुजाएं और चारों कोण समान हो उसे आयताकार भूखंड कहते हैं. यह हर प्रकार से धनदायक एवं पुष्टिदायक होता है.
- जिस भूखंड की चारों भुजाएं और चारों कोण समान हो उसे वर्गाकार भूखंड कहते हैं. यह भूखंड भी धनदायक और दरिद्रता को मिटाने वाला होता है.
- भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसारप्लॉट के चारों कोने 90 डिग्री यानी समकोण पर होंतो वे प्लॉट शुभ माने जाते हैं. आयताकार या वर्गाकार प्लॉट उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ा हुआ हो तो भी घर-परिवार के लिए शुभ माना जाता हैयदि दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व में बढ़ा हुआ हो तो यह अच्छा नहीं माना जाता.
- भूंखड का चयन करने से पहले ये भी बात ध्यान रखें कि वह दो प्लॉट के बीच स्थित एक छोटा प्लॉट नहीं होना चाहिए. ऐसा होने पर यह आर्थिक समृद्धि पर बुरा प्रभाव डालता है.
- प्लॉट के पूर्वउत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में कोई बड़ा या भारी निर्माण न होयह ध्यान में अवश्य रखें.
- ऐसी भूमि जो देखने में ढोलक या मृदंग के आकार की हो उसे त्याग देना चाहिए. इस प्रकार की प्लॉट गृहस्वामी को ढोलक के समान खाली रखती है.
- यदि उसके उतर-पूर्व में कोई पानी का स्थानजैसे टंकीतालाब आदि हैतो यह शुभ हैलेकिन दक्षिण-पश्चिम दिशा में ये अच्छे नहीं माने गए हैं.
- समतल प्लॉट सबसे अच्छा माना गया है. यदि प्लॉट ढलवां होतो यह ढलान उत्तर या पूर्व दिशा की और होना चाहिए. दक्षिण या पश्चिम दिशा वाली ढलान पर मकान नहीं बनवाना चाहिए.
- पूर्वमुखी प्लॉट शिक्षाधर्म और अध्यात्म के कार्यपश्चिम मुखी प्लॉट सर्विस करने वाले लोगोंजैसेइंजीनियरवकीलडाक्टर के लिएउत्तर मुखी प्लॉट सरकारी सेवापुलिससेना में कम करने वालों के लिए और दक्षिण मुखी प्लॉट व्यापारियों और व्यापारिक संस्थानों में कार्य करने के लिए उत्तम रहता है.

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Saturday 13 October 2018

जमीन खरीदने के लिए लें प्लॉट लोन, जानें पूरी प्रक्रिया


अगर आपकी नजर में कोई प्लॉट है और आप उसे लेकर अपना मकान बनाना चाह रहे हैं, तो उस जमीन को खरीदने के लिए भी लोन उपलब्ध है. जी हां, आप लोन लेकर मनचाही जमीन खरीद सकते हैं. बैंकों के साथ-साथ अन्य वित्तीय संस्थान इसके लिए लैंड लोन, प्लॉट लोन और कंपोजिट लोन (जमीन सहित मकान के लिए लोन) दे रहे हैं. सिर्फ आपको इसके लिए जरूरी कागजात को उपलब्ध कराने होंगे. इन कागजातों को बैंक के अधिकारी पहले जांच करते हैं. सही पाये जाने पर आपको आसानी से लोन प्राप्त हो जायेगा.

ऐसे मिलेगा प्लॉट लोन
एक से बीस साल तक, यह अवधि आपके रिटायरमेंट तक ही मान्य होता है या अधिकतम 60 वर्ष. बिजनेस करनेवालों के लिए 65 वर्ष की उम्र तक ही मान्य होता है. लैंड लोन पाने के लिए जरूरी है कि जमीन का टुकड़ा गैर व्यवसायिक एवं गैर-कृषि योग्य भूमि हो और वह नगर निगम या नगरपालिका के अंदर आता हो. एक-दो वित्तीय संस्थान ऐसे भी हैं जो नगर निगम के बाहर की जमीन पर भी लोन उपलब्ध कराते हैं. लैंड लोन या प्लॉट लोन के लिए जरूरी प्रक्रिया को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए लोन प्रोसेसिंग चार्ज भी देना होता है. अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में ये चार्ज अलग-अलग होते हैं जो इसे एक या दो किस्त में लेते हैं. सामान्य रूप से एक व्यक्ति को ही लैंड लोन या प्लॉट लोन दिया जाता है, लेकिन अगर आप लोन की राशि बढ़ाना चाहते हैं, तो लोन लेने के बाद किसी कमानेवाले व्यक्ति को अपने साथ को-एप्लीकेंट के रूप में जोड़ सकते हैं. कुछ वित्तीय संस्थानों में को-एप्लीकेंट की अनिवार्यता होती है. ऐसे में उनका भी आधार, पैन आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है.

15 से 30 दिनों का लगता है समय
लोन के लिए बनने वाले कानूनी दस्तावेज में लगने वाले स्टांप ड्यूटी का भुगतान आवेदक को ही करना होता है. इसके अलावा जमीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जितने खर्च होते हैं, उन सबका भुगतान आवेदक को ही करना होता है. जमीन के बाजार मूल्य का 70-75 फीसदी ही लोन में दिया जाता है या प्लॉट अलॉटमेंट पत्र या जमीन का पंजीकृत सेल डीड के अनुसार मूल्य का 75 प्रतिशत ही लोन के रूप में स्वीकार होता है. वैसे बहुत सारे अन्य कारक भी है जो लोन की राशि का निर्धारण के लिए प्रभावी होते हैं, जैसे पुनर्भुगतान करने की क्षमता, आवेदक की उम्र, शैक्षणिक विवरण, आय की स्थायीत्वता व निरंतरता, आवेदक पर निर्भर लोगों की संख्या, संपत्ति, बचाने की आदत इत्यादि. जिस जमीन के टुकड़े को खरीदने के लिए आपने चुनाव किया है, उसके स्वभाव, मूल्य व उसके डीड-म्यूटेशन के दस्तावेजों की जांच की जाती है. बैंक में लीगल व टेक्निनकल सेल उन कागजातों की जांच व जमीन की वास्तिवक स्थिति की जांच व मूल्यांकन करता है. टेक्निनकल सेल यह देखता है कि जमीन तक पहुंच रोड है कि नहीं, उसके ऊपर बिजली के तार व आसपास की जनसंख्या कितनी है. इसके अतिरिक्त जमीन का वास्तविक मूल्य व सरकारी मूल्य की भी जांच होती है. इन दोनों जांच में 15-30 दिन का समय लग सकता है. इसके लिए अलग से शुल्क देना पड़ता है, जो प्रोसेसिंग शुल्क से अलग होता है.

इन दस्तावेजों की होती है जरूरत
लैंड लोन लेने के लिए सबसे पहले जमीन का चुनाव करने के बाद उस जमीन से जुड़े सभी दस्तावेजों की एक फोटोकॉपी बैंक के पास जमा करना पड़ता है. एक हफ्ते या दस दिनों में बैंक यह बता देता है कि अब आप लोन की प्रक्रिया में आगे बढ़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में सबसे पहले जमीन विक्रेता से जमीन की खरीद से संबंधित एक एग्रीमेंट कराना होगा, जिसमें जमीन की मूल्य का वर्णन होना जरूरी है. फिर इस एकरारनामे की प्रति बैंक में पूरे कागजात (जमीन के कागजात व व्यक्तिगत कागजात) के साथ जमा करना होगा. बैंक इन कागजातों की जांच कराता है और सब कुछ सही पाये जाने पर लोन प्रदान करता है. घर बनाने के लिए मिलने वाला लैंड लोन या प्लॉट लोन के लिए होम लोन की ब्याज दर ब्याज दर ही प्रभावी होता है, लेकिन अगर आप उस जमीन पर एक निश्चित अवधि के अंदर मकान निर्माण शुरू नहीं करते हैं तो उस लोन पर प्रोपर्टी लोन के अनुसार ब्याज दर लग जाता है, जो 10.5 – 12.5 प्रतिशत तक हो सकता है. जमीन से संबंधित कागजात,सेल डीड की कॉपी ,म्यूटेशन के कागजात ,रसीद की कॉपी, पावर ऑफ अटॉर्नी डेवलपमेंट एग्रीमेंट - मदर डीड, खतीयान ,नगर निगम का नक्शा व्यक्तिगत कागजात (वेतनभोगी लोगों के लिए) आधार कार्ड या वोटर कार्ड - पैन कार्ड - बिजली बिल - पिछले तीन वर्ष का रिटर्न - पिछले तीन वर्ष का फार्म-16 - पिछले छह माह का बैंक स्टेटमेंट बिजनेस करनेवालों के लिए, बिजनेस का प्रूफ, बिजनेस एग्रीमेंट ,पिछले तीन वर्ष का बिजनेस आइटीआर जमीन खरीद लेने के बाद मकान निर्माण के लिए लोन की प्रक्रिया शुरू होती है. इसके लिए आपको मकान का नक्शा पास करा कर किसी आर्किटेक्ट से उस मकान का इस्टीमेट बनवाना होगा. इन दोनों कागजातों के आधार पर किस्तों में लोन प्राप्त करने का कागजात तैयार होता है. एक से दो साल के अंदर ही निर्माण कार्य शुरू कर देता होता है. चरणबद्ध निर्माण का वेरिफिकेशन होने पर राशि निर्गत की जाती है. शुरू में प्लिंथ स्तर तक का काम खुद ही कराना होता है. निर्माण पूरा होने पर पूरी राशि निर्गत की जाती है. इस रिपोर्ट के बाद ही आपका होम लोन का इएमआई शुरू होता है.

इस नवरात्रि अगर आप भी अपना प्लॉट खरीदने की सोच रहे हैं, तो परामर्श के लिए इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं 7783978587, 7851007826, 7786916051, 7851007828.

Tuesday 9 October 2018

इस नवरात्रि मात्र 50,000 के डाउनपेमेंट पर आपका हो सकता है प्लॉट



अब शहरों में मकान बनाने योग्य जमीन कम बची है. इसलिए ज्यादातर लोग अपने आशियाने के लिए इंडिविजुअल या बिल्डर्स के फ्लैट को सेलेक्ट कर रहे हैं लेकिन वे लोग जो छोटे छोटे फ्लैट या मकानों में रहकर ऊब चुके हैं और खुली जगह पर अपना खुद का मकान अपने हिसाब से बनाने की प्लैनिंग कर रहे हैं उनके लिए प्लॉट लेना बेस्ट ऑप्शन होगा. फ्लैट के मुकाबले कम कीमत होने व निर्माण की स्वतंत्रता के चलते प्लॉट की खरीदारी कई मायनों में बेहतर मानी जाती है. इसलिए कई बिल्डर्स शहर से 10 से 20 किमी के दायरे में प्लॉट का ऑप्शन भी पेश कर रहे हैं. इस नवरात्रि प्लॉट परचेज कर अपना फ्यूचर और रुपया दोनों सिक्योर कर सकते हैं.

मिल रहे हैं कई ऑफर्स
प्लॉट लेने वालों के लिए अब ज्यादा आसान और बेहतर विकल्प भी लेकर बिल्डर्स आ रहे हैं. रॉयल ड्रीम होम्स इस नवरात्रि ढेरों ऑफर्स के साथ ही कस्टमर्स को मात्र 50,000 के डाउन पेमेंट पर अपना प्लॉट देने का ऑफर दे रहे हैं. अक्सर लोगों को यही लगता है कि प्लॉट खरीदने के लिए उनके पास बड़ा एमाउंट होना चाहिए, लेकिन छोटे एमाउंट होने पर भी आपके पास प्लॉट खरीदने का बेहतरीन विकल्प है. न्यूनतम डाउनपेमेंट के साथ आसान किश्तों में आप प्लॉट खरीद सकते हैं.

प्लॉट्स खरीदने का है खास एडवांटेज
प्लॉट्स के साथ एडवांटेज यह होता है कि आपको इनका कब्जा जल्द मिल जाता है, जबकि फ्लैट्स का कब्जा मिलने में काफी वक्त लगता है और तब तक आपके प्लॉट की कीमत काफी बढ़ जाती है. फ्लैट के कम्पैरिजन में प्लॉट्स की वैल्यू जल्द बढ़ती है. जितना ज्यादा वक्त बीतता है आपकी प्रॉपर्टी की कीमत उतनी ज्यादा हो जाती है. छोटे शहरों और रूरल में आज भी प्लॉट लेकर मकान बनाने का ट्रेंड पॉपुलर है. लोग प्लॉट परचेज करना अच्छा इंवेस्टमेंट समझते हैं.

इस नवरात्रि अगर आप भी अपना प्लॉट खरीदने की सोच रहे हैं, तो परामर्श के लिए इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं 7783978587, 7851007826, 7786916051, 7851007828

Monday 8 October 2018

प्लॉट में इन्वेस्टमेंट करना आपके लिए हो सकता है फायदेमंद



प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने का प्लान तो बना रहे हैं लेकिन करें कहां यह क्लियर नहीं हो पा रहा है. शहरों में घरों की बढ़ती कीमत के चलते लोग इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे अपनी मेहनत की पूंजी फ्लैट में लगाएं या हॉलिडे होम, सेकंड होम अथवा शहर से दूर ओपन प्लॉट में.
वैसे इस मामले में सबकी राय अलग-अलग है. फिर भी, फ्लैट्स के रेट्स को देखते हुए अधिक मुनाफा कमाने के लिए शहर में लग्जरी फ्लैट खरीदने से अच्छा है कि ओपन प्लॉट में इन्वेस्ट किया जाए. ओपन प्लॉट में सही तरीके से सही जगह में इन्वेस्टमेंट किया गया तो भविष्य के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.

शहर से दूर प्लॉट खरीदना लाभदायक

शहर से दूर प्लॉट खरीदना शहर में फ्लैट खरीदने से सस्ता होता है और कम इन्वेस्टमेंट में कुछ अरसे बाद अधिक लाभ मिल सकता है. शहर में पाश एरिया में लग्जरी फ्लैट का भाव आसमान छू रहा है, जिससे लोग छोटे घर लेने पर मजबूर हैं. इन्वेस्टर अपने भविष्य की योजना को ध्यान में रखते अपने हिसाब से प्लॉट खरीद सकता है और भविष्य में अपनी इच्छा के अनुरूप उस पर बंगला बना सकता है. प्लॉट पर घर बनाएं या न बनाएं इन्वेस्टर को दोनों तरीके से बेचने पर फायदा ज्यादा होगा.

बेहतर रिटर्न के लिए प्लॉट में करें निवेश

रि‍यल एस्‍टेट में नि‍वेश की बात जेहन में आते ही कॉमर्शियल प्रॉपर्टी या फ्लैट में निवेश के ऑप्‍शन ही दिमाग में आते हैं. अधिकांश नि‍वेशक इन्‍हीं दो माध्‍यमों से प्रॉपर्टी में नि‍वेश करते हैं, लेकि‍न इनके अलावा भी एक तरीका है जिसमें नि‍वेश कर इन दोनों माध्‍यमों से बेहतर रि‍टर्न हासि‍ल कि‍या जा सकता है. वह है प्‍लॉट या जमीन के टुकड़े में निवेश, लेकि‍न प्‍लॉट्स में नि‍वेश करने से पहले कुछ बातों की जानकारी होनी चाहि‍ए, जिनकी मदद से आपका नि‍वेश न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि फायदेमंद भी साबित होगा.

छोटे प्लॉट्स में निवेश ज्यादा फायदेमंद

आबादी बढ़ने के कारण जमीन की उपलब्‍धता में कमी आई है। कुछ सालों पहले तक जमीन की कीमत कम होती थी, ऐसे में काफी सारे लोग बड़े आकार के प्‍लाट में निवेश कर लेते थे. लेकिन बदलती परिस्थितियों में अब बड़ी संख्या में छोटे प्‍लॉट मि‍ल रहे हैं, लेकि‍न, इससे निवेश से तरीका नहीं बदला है. छोटे प्लॉट्स में निवेश की अच्छी बात यह है कि इसकी खरीद-बिक्री आसानी से हो जाती है.

इन बातों का रखें ध्यान
  • प्लॉट से संबंधित जरूरी बातों का पहले ही पता कर लें.
  • प्‍लॉट में नि‍वेश से पहले उस एरि‍या के बारे में जानकारियां हासिल करें जहां आप कोई प्‍लॉट खरीदना चाहते हैं. प्‍लॉट की फ्यूचर वैल्‍यू का सीधा संबंध उस एरि‍या के ग्रोथ पर निर्भर करता है. उस एरि‍या का वि‍कास जि‍तनी तेजी से होगा, आपका निवेश भी उसी दर से बढ़ेगा.
  • प्लॉट में नि‍वेश का मूल मंत्र है बेहतर लोकेशन वाले स्थान का चयन. बेहतरीन लोकेशन ही आपके निवेश पर मिलने वाला संभावित रि‍टर्न तय करता है. आप देखें कि वहां से अन्य स्थानों की कनेक्‍टि‍वटी कैसी है. बाजार से और अन्य जरूरी जगहों से उसकी दूरी कितनी है.
  • आप जि‍स प्‍लॉट को ले रहे हैं, उसकी मुख्य सड़क से दूरी कि‍तनी है. इसके अलावा यह भी देखें कि आने वाले समय में उस क्षेत्र की वि‍कास की क्‍या योजना है. ध्यान रखें, यदि प्लॉट किसी रेलवे स्‍टेशन, एयरपोर्ट, ऐति‍हासि‍क स्‍थल, मुख्‍य बाजार या इंस्‍टीट्यूशनल एरि‍या आदि के आसपास है, तो उसकी कीमत में बढ़ोतरी की दर काफी तेज होती है.



हम करते हैं आपके सपनों को सच